देहरादून। रायपुर विकासखंड के मालदेवता, सेरकी गांव और सिरलवालगढ में अतिवृष्टि से हुए नुकसान की सूचना मिलने पर जिलाधिकारी सोनिका ने आज सुबह ही इन प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। उन्होंने मालदेवता और सेरकी गांव में पहुंचकर अतिवृष्टि से हुए नुकसान का निरीक्षण किया और ग्रामीणों से उनकी स्थिति के बारे में जानकारी ली। मौके पर उन्होंने ग्रामीणों और संबंधित अधिकारियों के साथ निरीक्षण करते हुए सिंचाई विभाग द्वारा बनाए गए चेकडैम तक पहुंचकर वहां का जायजा लिया। इस स्थान पर बारिश के पानी के साथ आए मलबे ने सड़क और ह्यूम पाइप लाइन को नुकसान पहुंचाया, जो मुख्य मार्ग तक भी पहुंचा।
निरीक्षण के दौरान, जिलाधिकारी ने उपस्थित उप जिलाधिकारी सदर और तहसीलदार को निर्देश दिया कि वे क्षति का आकलन कर आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करें। उन्होंने सिंचाई विभाग और संबंधित अधिकारियों को सड़क से मलबे की सफाई और पानी की निकासी की व्यवस्था करने के निर्देश दिए। साथ ही, उन्होंने सख्त निर्देश दिए कि आबादी वाले क्षेत्रों में पानी और मलबे से कोई नुकसान न हो, इसके लिए उचित कदम उठाए जाएं। संभावित बारिश के मद्देनजर, तहसीलदार सदर को मौके पर निगरानी बनाए रखने और संबंधित कर्मियों को तैनात करने के निर्देश भी दिए गए।
मालदेवता क्षेत्र का निरीक्षण करने के बाद, जिलाधिकारी सेरकी गांव पहुंचीं, जहां उन्होंने अतिवृष्टि से हुए नुकसान का निरीक्षण किया। उन्होंने गांव के ऊपरी छोर पर जाकर बारिश से हुए नुकसान का जायजा लिया और घरों में घुसे मलबे का निरीक्षण किया। ग्रामीण महिलाओं ने जिलाधिकारी से गदेरे से आने वाले पानी की निकासी के लिए ठोस कार्यवाही करने का अनुरोध किया। इस पर जिलाधिकारी ने सिंचाई विभाग और संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया कि तटीय क्षेत्र से लेकर ऊपरी क्षेत्र तक पानी की निकासी के लिए आवश्यक कार्य किए जाएं।
जिलाधिकारी ने मलबे को हटाने के लिए युद्धस्तर पर काम करने के निर्देश दिए ताकि आवासीय क्षेत्र को किसी प्रकार का नुकसान न हो। तहसीलदार को भी निर्देश दिया गया कि सुरक्षा के मद्देनजर वर्षा के दौरान निगरानी के लिए कर्मियों की तैनाती की जाए और गांव में हुए नुकसान का आकलन कर नियमानुसार कार्यवाही की जाए।
इसके बाद, जिलाधिकारी सोनिका ने सिरवालगढ क्षेत्र का निरीक्षण किया, जहां उन्होंने लगभग 02 किमी पैदल चलकर ग्रामीणों के साथ प्रत्येक स्थल का जायजा लिया। वहां उन्होंने देखा कि अतिवृष्टि के दौरान भू-कटाव हुआ और मलबा नाले में डंप हो गया, जिससे नाले का पानी सड़क और आबादी की ओर मुड़ गया, जिससे सड़कों और फसलों को नुकसान हुआ।
जिलाधिकारी ने संबंधित अधिकारियों को क्षेत्र में आवागमन की सुगमता के लिए तेजी से काम करने के निर्देश दिए और नाले के पानी की निकासी के लिए मशीनों का उपयोग करके तेजी से कार्य करने के आदेश दिए। उन्होंने निर्देश दिया कि प्रभावित क्षेत्र में आपदा के मद्देनजर त्वरित कार्य संपादित किया जाए ताकि जनमानस को किसी प्रकार की असुविधा न हो। निरीक्षण के दौरान, नगर मजिस्ट्रेट प्रत्युष सिंह, उप जिलाधिकारी सदर हरिगिरि, अधीक्षण अभियंता सिंचाई संजय राज, अधीक्षण अभियंता सिंचाई दिनेश उनियाल, तहसीलदार सदर विवेक राजौरी और अन्य विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।