दा एवं अनुरक्षण मद के अंतर्गत लंबित भुगतानों को प्राथमिकता के आधार पर निपटाने का निर्णय लिया गया। सिक्योरिटी डिपॉजिट के लंबित मामलों का निस्तारण समिति की संस्तुतियों के आधार पर किया जाएगा।
4. पंजीकरण प्रक्रिया
ठेकेदार संघ की मांगों पर पंजीकरण प्रक्रिया को सरल बनाने पर विचार किया जाएगा। साथ ही स्थायी टेक्निकल स्टाफ की अनिवार्यता को समाप्त करने पर भी विचार हुआ।
5. समयावृद्धि और भुगतान
ठेकेदारों की मांग के अनुसार, समयावृद्धि, वेरीएशन एवं अतिरिक्त आइटम की प्रक्रिया पर संबंधित विभागों से चर्चा के उपरांत निर्णय लिया जाएगा।
6. खनन सामग्री पर रॉयल्टी
ठेकेदारों को खनन विभाग से उचित प्रतिपूर्ति प्रदान करने के लिए प्रावधान किए जाएंगे।
7. अनुभव की सीमा
ठेकेदारों के अनुभव की सीमा को 5 वर्ष से बढ़ाकर 10-15 वर्ष करने पर सहमति बनी।
8. आपदा कार्यों में बीमा कवरेज
आपदा कार्यों में लगी मशीनरी एवं श्रमिकों को बीमा कवरेज प्रदान करने पर सहमति बनी।
9. ठेकेदारों के लिए बैठने की व्यवस्था
प्रत्येक कार्यदायी खंड में ठेकेदारों के बैठने के लिए स्थान चिन्हित किया जाएगा।
10. निविदा नियमावली
शासनादेश लागू होने के बाद निविदा बिलों में उक्त नियमावली को लागू करने पर सहमति बनी।
सरकार की ठोस कार्रवाई
बैठक के बाद विभागीय और शासन स्तर पर आवश्यक कदम उठाने का निर्णय लिया गया। लोक निर्माण विभाग और ठेकेदार कल्याण समिति के बीच इन निर्णयों से ठेकेदारों को राहत मिलेगी और उनके कार्यों में गति आएगी।