बांग्लादेश में हालिया राजनीतिक घटनाक्रम और धार्मिक तनाव के बीच, अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार, मुहम्मद यूनुस, ने ढाका के ढाकेश्वरी राष्ट्रीय मंदिर का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने सभी धार्मिक समुदायों के अधिकारों की समानता पर जोर दिया और कहा कि किसी भी समुदाय के साथ भेदभाव नहीं होना चाहिए।
यूनुस की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब बांग्लादेश में हिंदू मंदिरों, घरों, और व्यवसायों पर हमले बढ़े हैं। इन घटनाओं के चलते शेख हसीना की सरकार को सत्ता से हटना पड़ा था। यूनुस ने कहा कि सभी को धैर्य रखना चाहिए और बाद में सरकार के कामकाज का मूल्यांकन करना चाहिए। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि नागरिकों को धार्मिक पहचान के बजाय इंसान के रूप में देखा जाना चाहिए और उनके अधिकार सुनिश्चित किए जाने चाहिए।
इस दौरे में यूनुस के साथ कानून सलाहकार आसिफ नजरूल और धार्मिक मामलों के सलाहकार खालिद हुसैन भी थे। उन्होंने मंदिर के प्रबंधन बोर्ड के अधिकारियों और भक्तों के साथ शुभकामनाओं का आदान-प्रदान किया। इस मौके पर पूजा उद्जापन परिषद के अध्यक्ष बासुदेब धर ने यूनुस को पदभार ग्रहण करने पर बधाई दी और उनके साथ सौहार्दपूर्ण बैठक की।
बांग्लादेश में हाल ही में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हुए हमलों ने वैश्विक चिंता को जन्म दिया है। शेख हसीना के इस्तीफे के बाद, हिंदू समुदाय पर हमलों की संख्या बढ़ी है। हिंदू संगठनों के अनुसार, 5 अगस्त के बाद से 52 जिलों में अल्पसंख्यकों पर कम से कम 205 हमले हुए हैं। इन हमलों के खिलाफ ह्यूस्टन में भारतीय अमेरिकी और बांग्लादेशी मूल के हिंदुओं ने विरोध प्रदर्शन भी किया है।
मुहम्मद यूनुस के इस दौरे और उनके बयान का उद्देश्य बांग्लादेश में शांति और सौहार्द की स्थिति को बहाल करना है, लेकिन वर्तमान परिस्थितियों में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि सरकार के प्रयास किस हद तक सफल होते हैं।