सहकारिता मेला: स्थानीय उत्पादों को प्रोत्साहन
देहरादून, 14 अक्टूबर 2025: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने श्रीनगर में आयोजित सहकारिता मेले में विभिन्न स्वयं सहायता समूहों और संस्थाओं द्वारा लगाए गए स्थानीय उत्पादों के स्टॉलों का अवलोकन किया। उन्होंने काश्तकारों और महिला समूहों की मेहनत की सराहना की, जो स्थानीय उत्पादों को बाजार से जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। मेले में प्रदर्शित उत्पादों ने सहकारिता की भावना को और मजबूत किया, साथ ही ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने में योगदान दिया।
सहकारिता: सामाजिक एकता और आर्थिक स्वावलंबन का आधार
मुख्यमंत्री धामी ने अपने संबोधन में सहकारिता आंदोलन को ग्रामीण विकास और महिला सशक्तिकरण का प्रेरक सूत्र बताया। उन्होंने कहा कि सहकारिता समाज को एकजुट करने और आत्मनिर्भरता की दिशा में प्रगति का मार्ग प्रशस्त करती है। यह भारत की सांस्कृतिक पहचान “वसुधैव कुटुम्बकम” का प्रतीक है। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह मेला सहकारी भावना को गहरा करेगा और स्वयं सहायता समूहों को उनके उत्पादों के लिए व्यापक मंच प्रदान करेगा।
विश्व सहकारिता वर्ष 2025 और सरकारी पहल
मुख्यमंत्री ने बताया कि 2025 को विश्व सहकारिता वर्ष घोषित किया गया है। केंद्र सरकार ने सहकारी से समृद्धि के लक्ष्य को साकार करने के लिए अलग सहकारी मंत्रालय स्थापित किया है। उत्तराखंड में सहकारिता क्षेत्र को मजबूत करने के लिए 671 सहकारी समितियों का कंप्यूटरीकरण पूरा हो चुका है, और 13 जनपदों की 5,511 समितियों में से 3,838 के अभिलेख राष्ट्रीय सहकारी पोर्टल पर अपलोड किए गए हैं। मंडुवा की खरीद में 5.50 रुपये प्रति किलो की वृद्धि के साथ न्यूनतम समर्थन मूल्य 48.86 रुपये प्रति किलो निर्धारित किया गया है।
किसानों और महिलाओं के लिए आर्थिक सहायता
मुख्यमंत्री ने बताया कि पं. दीनदयाल उपाध्याय किसान कल्याण योजना के तहत किसानों को 3 लाख रुपये और स्वयं सहायता समूहों को 5 लाख रुपये तक का ब्याजमुक्त ऋण प्रदान किया जा रहा है। सहकारी बैंकों में 16,000 करोड़ रुपये की पूंजी जमा होना जनता के विश्वास को दर्शाता है। “लखपति दीदी” अभियान के माध्यम से महिला उद्यमिता को बढ़ावा मिल रहा है, और राज्य की महिलाएं गुणवत्तापूर्ण उत्पादों से उत्तराखंड को 21वीं सदी का तीसरा दशक बनाने में योगदान दे रही हैं।
विकास और सुशासन: कठोर कानूनों का प्रभाव
सीएम धामी ने राज्य सरकार की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। उत्तराखंड देश का पहला राज्य है, जिसने समान नागरिक संहिता (UCC) लागू किया। नकल माफियाओं पर अंकुश के लिए कठोर नकल विरोधी कानून बनाया गया, जिसके तहत 100 से अधिक नकल माफियाओं को जेल भेजा गया। हाल के हरिद्वार नकल प्रकरण में त्वरित कार्रवाई और सीबीआई जांच की सिफारिश की गई। सख्त भू-कानून लागू कर भूमाफियाओं पर नियंत्रण किया गया, जिससे राज्य की मूल पहचान और भूमि की सुरक्षा सुनिश्चित हुई। श्रीनगर में सीवर लाइन और पेयजल आपूर्ति की डीपीआर प्राप्त होते ही स्वीकृति दी जाएगी, ताकि 15 घंटे निर्बाध जलापूर्ति हो सके।
सहकारिता मंत्रालय की उपलब्धियां
कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि वर्तमान में 31 लाख लोग सहकारिता से जुड़े हैं, और इसे 50 लाख तक बढ़ाने का लक्ष्य है। 16 लाख किसानों को शून्य प्रतिशत ब्याज पर ऋण वितरित किया गया है। श्रीनगर सहकारिता मेले में महिला समूहों ने 35 लाख रुपये का व्यापार किया, और कुल 1 करोड़ रुपये का कारोबार हुआ। सहकारी क्षेत्र 30 करोड़ रुपये के लाभ में है। “लखपति दीदी” योजना से महिलाओं को आर्थिक स्वतंत्रता मिल रही है। मंत्री ने बताया कि अगले दिन 1,500 एलटी शिक्षकों को नियुक्ति पत्र दिए जाएंगे, जिससे राज्य में रोजगार का आंकड़ा 26,500 को पार करेगा।
स्वयं सहायता समूहों को प्रोत्साहन
मुख्यमंत्री और सहकारिता मंत्री ने स्वयं सहायता समूहों को प्रोत्साहन राशि वितरित की:
- शक्ति स्वयं सहायता समूह, पाबौ: बागवानी के लिए 5 लाख रुपये।
- उड़ान स्वयं सहायता समूह, पाबौ: मुर्गीपालन के लिए 5 लाख रुपये।
- सवेरा स्वयं सहायता समूह, पलिगांव पाबौ: दोना-पत्तल के लिए 5 लाख रुपये।
- महादेव स्वयं सहायता समूह, पैठाणी: मुर्गीपालन के लिए 5 लाख रुपये।
- मालन स्वयं सहायता समूह, जयहरीखाल: बद्री गाय पालन के लिए 5 लाख रुपये।
- वसुंधरा और जय भोलेनाथ स्वायत्त सहकारिता: SMAM योजना के तहत कृषि यंत्रों के लिए 4-4 लाख रुपये।
- नवीन पटवाल: गुच्छी उत्पादन तकनीक के लिए सम्मानित।
सांस्कृतिक प्रस्तुतियों का उत्साहवर्धन
मुख्यमंत्री ने स्कूली बच्चों की सांस्कृतिक प्रस्तुतियों की प्रशंसा की और उनका हौसला बढ़ाया। यह आयोजन सहकारिता की भावना को बढ़ाने के साथ-साथ सांस्कृतिक एकता को भी प्रोत्साहित करता है।
उपस्थित गणमान्य व्यक्ति
कार्यक्रम में विधायक पौड़ी राजकुमार पोरी, जिला पंचायत अध्यक्षा रचना बुटोला, जिलाधिकारी स्वाति एस. भदौरिया, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक लोकेश्वर सिंह सहित सहकारिता से जुड़े लोग, जनप्रतिनिधि और अधिकारी मौजूद रहे।