राजनीतिक विवाद का कारण
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा को ‘नाच गाना’ कार्यक्रम के रूप में संदर्भित कर एक बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा कर दिया है। हरियाणा के हिसार में एक सभा के दौरान उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाया कि भगवा पार्टी ने इस समारोह से आम नागरिकों, विशेषकर किसानों को बाहर रखा।
राहुल गांधी का बयान
27 सेकंड के वीडियो में राहुल गांधी को यह कहते सुना जा सकता है कि राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह एक सेलिब्रिटी कार्यक्रम बन गया था। उन्होंने कहा, “जब अयोध्या में मंदिर खोला गया, तो वहां अडानी, अंबानी और अमिताभ बच्चन नजर आए, लेकिन कोई किसान या मजदूर वहां नहीं था। इसमें नाच-गाना था, लेकिन असली श्रमिक वर्ग का कोई प्रतिनिधित्व नहीं था।”
भाजपा की प्रतिक्रिया
राहुल गांधी की टिप्पणियों पर भाजपा की ओर से तुरंत प्रतिक्रियाएं आईं। पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने राहुल के बयान को निंदनीय बताया और आरोप लगाया कि उनका परिवार हिंदू विरोधी भावनाओं को बढ़ावा देता है। उन्होंने लिखा कि क्या किसी अन्य आस्था के पवित्र अवसरों पर ऐसा कहा जा सकता है?
कांग्रेस के खिलाफ आरोप
पूनावाला ने कहा कि गांधी परिवार ने राम जी के अस्तित्व का विरोध किया है और उनकी सरकार ने हिंदू आतंक की अवधारणा बनाई है। उन्होंने यह भी कहा कि राहुल गांधी की टिप्पणियों ने भारतीय संस्कृति की अनभिज्ञता को दर्शाया है।
तीरथ सिंह रावत का खंडन
भाजपा के वरिष्ठ नेता तीरथ सिंह रावत ने राहुल गांधी के दावों का खंडन करते हुए कहा कि प्राण प्रतिष्ठा समारोह एक उत्सव था, जिसमें आम नागरिक भी शामिल थे। उन्होंने बताया कि यह एक साझा भक्ति का अवसर था और राहुल को भारतीय संस्कृति को समझने की आवश्यकता है।
सारांश
राहुल गांधी का ‘राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा नाच गाना था’ वाला बयान बीजेपी के लिए आपत्ति का कारण बन गया है। भाजपा ने इसे हिंदू आस्था का अपमान बताते हुए गांधी की आलोचना की है, जबकि तीरथ सिंह रावत ने इसे भारतीय संस्कृति की अनभिज्ञता करार दिया है।