उत्तराखंड में सांप्रदायिक अपराध: लैंड जिहाद और लव जिहाद का प्रसार

श्यामपुर: एक सुंदर गाँव में सांप्रदायिक अपराध की शुरुआत
श्यामपुर उत्तराखंड का एक छोटा सा गाँव है, जहां लोग शांति से रहते हैं। अचानक, एक फ़क़ीर गाँव के किनारे आकर एक मिट्टी का ढेर बनाता है, उस पर चादर डालता है, और वहीं रहने लगता है। फ़क़ीर धीरे-धीरे गाँव के भोले-भाले लोगों को अपनी बातों में फंसाकर उन्हें अपनी ज़मीन पर मज़ार बनाने के लिए प्रेरित करता है। ग्रामीण उसकी बातों में आकर अपनी ज़मीन पर मज़ार बनवा लेते हैं, और वहां प्रतिदिन दिया-बत्ती शुरू कर देते हैं। इस प्रक्रिया के साथ ही, गाँव में कुछ मुस्लिम परिवार आकर बसने लगते हैं और मज़ारों की संख्या भी बढ़ने लगती है।

लव जिहाद और जनसंख्या में वृद्धि
गाँव में लव जिहाद की घटनाओं में वृद्धि होती है, जहां हिंदू लड़कियां मुस्लिम लड़कों के साथ निकाह करने लगती हैं। इन घटनाओं में कभी परिवार का दबाव होता है तो कभी मज़ार के ख़ादिम का भय। इस प्रक्रिया के तहत गाँव में सांप्रदायिक माहौल बिगड़ता है और हिंदू समाज को अपने ही गाँव में असहज महसूस होता है।

उत्तराखंड सरकार की प्रतिक्रिया: बुलडोज़र का प्रयोग
उत्तराखंड की पुष्कर सिंह धामी सरकार ने इन घटनाओं का संज्ञान लिया और तेज़ कार्य योजना के तहत अवैध रूप से बनाई गई मज़ारों पर बुलडोज़र चलवाकर उन्हें ध्वस्त किया। साथ ही, मज़ारों के आसपास क़ब्ज़ा की गई भूमि को भी ख़ादिमों से मुक्त कराया गया।

लैंड जिहाद का संगठित गिरोह
उत्तराखंड की पुलिस ने जांच के दौरान पाया कि इन मज़ारों के पीछे एक संगठित गिरोह सक्रिय है, जो मुस्लिम युवाओं को ख़ादिम के रूप में प्रशिक्षित करके लैंड जिहाद और लव जिहाद की गतिविधियों को अंजाम दे रहा था। ये ख़ादिम ग्रामीणों को बहला-फुसलाकर उनकी ज़मीन और संपत्ति पर कब्ज़ा कर रहे थे।

अवैध धार्मिक निर्माण पर सरकार की सख्ती
सर्वोच्च न्यायालय के 2009 के फैसले के अनुसार, बिना जिला कलेक्टर की अनुमति के किसी भी धार्मिक स्थल का निर्माण नहीं किया जा सकता है। इस आदेश का पालन करते हुए धामी सरकार ने तीन सौ से अधिक अवैध मज़ारों को ध्वस्त किया और पाँच हज़ार एकड़ से अधिक भूमि को लैंड जिहाद से मुक्त कराया।

समाज में सांप्रदायिक तनाव
उत्तराखंड में इस अभियान को सांप्रदायिक मुद्दा बताकर सरकार के खिलाफ माहौल बनाया जा रहा है। मुस्लिम समाज का एक वर्ग इन घटनाओं का समर्थन कर रहा है, जबकि यह आवश्यक है कि समाज के प्रबुद्ध नागरिक और मज़हबी नेता ऐसे अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई करें।

निष्कर्ष
उत्तराखंड में सांप्रदायिक अपराधों के बढ़ते प्रकोप को रोकने के लिए सरकार ने कड़े कदम उठाए हैं। लैंड जिहाद और लव जिहाद के खिलाफ सरकार की कार्यवाही सामाजिक सौहार्द और शांति बनाए रखने के लिए आवश्यक है।

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