आरएसएस राष्ट्र निर्माण के लिए अनुशासित और आध्यात्मिक चेतना से ओतप्रोत संगठन – सीएम धामी
- उत्तराखंड के सरकारी स्कूलों में श्रीमद्भगवद्गीता पाठ अनिवार्य, समान नागरिक संहिता कानून लागू
- 7 हजार एकड़ भूमि लैंड जिहादियों से मुक्त, 200 अवैध मदरसे सील, 500 से अधिक अवैध संरचनाएं हटाईं
देहरादून।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को आईआरडीटी सभागार में आयोजित कार्यक्रम में ‘Philosophy and Action of RSS for Hind Swaraj’ पुस्तक का लोकार्पण किया। यह पुस्तक मूलतः फादर एंथोनी द्वारा 1951 में लिखी गई थी और इसमें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की विचारधारा, कार्यप्रणाली और राष्ट्रनिर्माण में योगदान का गहन अध्ययन प्रस्तुत है। इस अवसर पर संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले और राष्ट्रवादी चिंतक जे. नंदकुमार भी उपस्थित रहे।
आरएसएस: राष्ट्र निर्माण का सशक्त संगठन
सीएम धामी ने कहा कि फादर एंथोनी ने उस दौर में यह पुस्तक लिखी जब संघ को लेकर अनेक भ्रांतियां फैलाई जा रही थीं। उन्होंने निष्पक्षता से संघ को अनुशासन, सेवा, समर्पण और राष्ट्रभक्ति पर आधारित संगठन बताया।
उन्होंने कहा कि 1925 में डॉ. हेडगेवार द्वारा स्थापित संघ ने सौ वर्षों की यात्रा में सांस्कृतिक पुनर्जागरण, सामाजिक समरसता, आत्मगौरव और राष्ट्रनिष्ठ सेवा की धारा प्रवाहित की है।
धार्मिक-सांस्कृतिक संरक्षण के लिए कड़े कदम
सीएम ने बताया कि राज्य में समान नागरिक संहिता लागू कर देश में उदाहरण प्रस्तुत किया गया है।
- 7,000 एकड़ भूमि लैंड जिहाद से मुक्त कराई गई।
- 200 से अधिक अवैध मदरसे सील किए गए।
- 500 से अधिक अवैध संरचनाएं हटाई गईं।
- धर्मांतरण और दंगों पर सख्त कानून लागू किए गए।
- “ऑपरेशन कालनेमि” के तहत पाखंडियों और विधर्मियों पर कड़ी कार्रवाई हो रही है।
शिक्षा और सांस्कृतिक चेतना में पहल
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के सरकारी स्कूलों में श्रीमद्भगवद्गीता पाठ को अनिवार्य किया गया है।
उन्होंने जोर दिया कि सनातन संस्कृति को बदनाम करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जा रही है और धार्मिक धरोहरों के संरक्षण के लिए सरकार प्रतिबद्ध है।
मोदी सरकार के कदम और सांस्कृतिक पुनर्जागरण
सीएम ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत सांस्कृतिक पुनर्जागरण के अमृतकाल में प्रवेश कर चुका है।
उन्होंने अनुच्छेद 370 की समाप्ति, ट्रिपल तलाक खत्म करने, नागरिकता संशोधन और वक्फ संशोधन कानूनों जैसे कदमों को एक भारत-श्रेष्ठ भारत की दिशा में बड़ा परिवर्तन बताया।
उपस्थित अतिथि
कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, स्वयंसेवक, सामाजिक और राजनीतिक कार्यकर्ता बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।