देहरादून: उत्तराखंड के मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने देहरादून में गढ़वाल मंडल की फूड टेस्टिंग लैब को संचालित करने के लिए 2 महीने की डेडलाइन दी है। यह लैब राज्य में खाद्य सुरक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी। इसके संचालन की प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ रही है, और राज्य सरकार ने इसके लिए 13 पदों की स्वीकृति दे दी है। इस लैब में शुरुआती तौर पर 5000 सैम्पल टेस्टिंग की क्षमता होगी।
मुख्य सचिव ने त्योहारों के दौरान मिलावटखोरी के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। उन्होंने जिलाधिकारियों को मिलावटी दुग्ध और खाद्य उत्पादों के मामलों में त्वरित कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं। साथ ही, भोजनमाताओं और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को भी फूड टेस्टिंग में प्रशिक्षण देने के निर्देश दिए गए हैं।
फूड सेफ्टी अभियान की नई पहल
मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने फूड सेफ्टी अभियान के तहत राज्य में अधिकतम टेस्टिंग बढ़ाने और टेस्टिंग रिपोर्ट समयबद्ध तरीके से तैयार करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने शिक्षा विभाग को सभी आवासीय विद्यालयों में फूड सेफ्टी के संबंध में जागरूकता बढ़ाने के भी आदेश दिए। इसके साथ ही, होटल प्रबंधन के छात्रों को फूड सेफ्टी के बारे में जानकारी देने के निर्देश दिए गए हैं।
मिलावटखोरी के खिलाफ सख्त कदम
मुख्य सचिव ने उत्तर प्रदेश की सीमा पर स्थित जिलों में मिलावटी दुग्ध और खाद्य उत्पादों की निगरानी के लिए संयुक्त प्रवर्तन कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव को पत्र भेजा जा रहा है। राज्य में ईट राइट इंडिया अभियान के तहत स्कूल, कॉलेज, यूनिवर्सिटी और अन्य संस्थानों को प्रमाणीकरण के लिए जोड़ने के निर्देश भी दिए गए हैं।
चारधाम यात्रा मार्ग पर भी खाद्य सुरक्षा के संबंध में विशेष निगरानी रखी जा रही है। इस दौरान 1418 खाद्य प्रतिष्ठानों का निरीक्षण किया गया, जिसमें 20 खाद्य कारोबारियों के खिलाफ न्यायालय में वाद दायर किए गए हैं और 09 पर 3,30,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया है।
मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि राज्य में फूड सेफ्टी को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए नई पहलें की जा रही हैं। उन्होंने आमजन के लिए सैंपल टेस्टिंग किट उपलब्ध कराने और फूड सेफ्टी ऑन व्हील्स प्रोग्राम के संचालन के लिए भी निर्देश दिए हैं।
बैठक में प्रमुख सचिव एल फैनई, सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।