मुख्यमंत्री ने की जल जीवन मिशन की समीक्षा

खराब गुणवत्ता के मामलों पर सख्त तेवर

देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को सचिवालय में जल जीवन मिशन की समीक्षा बैठक की। इस दौरान उन्होंने मिशन की प्रगति, गुणवत्ता और लाभार्थियों तक पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करने को लेकर अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि जनहित के कार्यों में किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

प्रमुख निर्देश और कदम

  1. खराब गुणवत्ता पर सख्ती:
    • पौड़ी जिले की चुनखेत पंपिंग योजना में खराब गुणवत्ता पाए जाने पर संबंधित अधिशासी अभियंता (ईई) को निलंबित करने के आदेश।
    • पिथौरागढ़ जिले की वासुकीनाग पंपिंग योजना को श्रमदान घोषित कर पुनर्निर्माण के निर्देश।
    • संबंधित ठेकेदारों पर कार्यवाही के आदेश।
  2. सभी कार्यों का सत्यापन:
    • जल जीवन मिशन के तहत लगाए गए नलों का अगले एक महीने में सत्यापन करने के निर्देश।
    • पानी की आपूर्ति न होने वाले स्थानों की जियो टैगिंग के साथ रिपोर्ट तैयार करने का आदेश।
    • ग्रामीणों को जल संरक्षण हेतु कराई गई ट्रेनिंग और संबंधित संस्थाओं की जांच।
  3. हर घर जल ग्राम प्रमाणीकरण:
    • राज्य के हर घर को शुद्ध पेयजल सुनिश्चित करने के लिए तेज़ी से प्रमाणीकरण कार्य करने का निर्देश।
    • अब तक 6795 ग्रामों को प्रमाणित किया जा चुका है।

जल जीवन मिशन की वर्तमान स्थिति

  • अब तक 14.05 लाख परिवारों को जल संयोजन से जोड़ा गया।
  • बैठक में विभिन्न योजनाओं का प्रस्तुतीकरण हुआ, जिसमें योजनाओं की गुणवत्ता, प्रगति और समस्याओं पर चर्चा की गई।

वन भूमि से संबंधित कार्यों पर ध्यान

मुख्यमंत्री ने वन भूमि के कारण बाधित योजनाओं का समाधान निकालने के लिए अलग से बैठक आयोजित करने का आदेश दिया।

अधिकारियों को चेतावनी

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को फटकार लगाते हुए कहा कि:

  • अगली बैठक में अधिकारी पूरी तैयारी और सही आँकड़ों के साथ आएं।
  • विभागाध्यक्ष सभी योजनाओं का विश्लेषण और प्रगति की पूरी जानकारी रखें।

जल संरक्षण और जनहित पर जोर

मुख्यमंत्री ने कहा कि जल जीवन मिशन के तहत होने वाले सभी कार्य तय मानकों के अनुसार हों। ग्रामीणों को जल संरक्षण के प्रति जागरूक किया जाए।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जल जीवन मिशन की समीक्षा बैठक में खराब गुणवत्ता पर नाराजगी जताते हुए संबंधित अधिकारियों और ठेकेदारों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए। उन्होंने जल आपूर्ति सुनिश्चित करने, सत्यापन करने और जनहित के कार्यों में लापरवाही रोकने पर विशेष जोर दिया।

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