मुख्यमंत्री ने हरिद्वार से पवित्र छड़ी यात्रा का किया शुभारंभ

हरिद्वार, 28 सितंबर 2025 उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को धर्मनगरी हरिद्वार के माया देवी मंदिर से पवित्र छड़ी यात्रा का विधिवत शुभारंभ किया। यह यात्रा उत्तराखंड के चार धामों—यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ—के लिए रवाना हुई। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर माया देवी मंदिर में पूजा-अर्चना की, पवित्र छड़ी का अभिषेक किया और संतों का माल्यार्पण कर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया।


पवित्र छड़ी यात्रा: सनातन संस्कृति का प्रतीक

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि पवित्र छड़ी यात्रा केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि सनातन संस्कृति की व्यापकता और गौरव का जीवंत प्रमाण है। उन्होंने आदि गुरु शंकराचार्य द्वारा आठवीं शताब्दी में शुरू की गई इस यात्रा को सनातन धर्म की एकता और अद्वैत वेदांत के प्रचार का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि यह यात्रा उत्तराखंड की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विविधता को दर्शाती है, जो कुमाऊं से गढ़वाल और हिमालय से तराई तक सभी को एक सूत्र में बांधती है।

“जब यह पवित्र छड़ी पहाड़ों, नदियों और घाटियों से होकर गुजरती है, तो ऐसा प्रतीत होता है मानो माता भगवती और भगवान शंकर स्वयं हमारे साथ हैं।” — मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी


यात्रा का ऐतिहासिक महत्व और पुनरारंभ

मुख्यमंत्री ने बताया कि लगभग 70 वर्ष पहले कुछ कारणों से यह यात्रा रुक गई थी, लेकिन 2019 में श्रीमहंत हरिगिरि महाराज के प्रयासों से इसे पुनः शुरू किया गया। यह यात्रा अब हरिद्वार से शुरू होकर चार धामों तक जाती है और कुमाऊं मंडल के विभिन्न तीर्थ स्थलों को जोड़ते हुए वापस माया देवी मंदिर में प्रतिष्ठित होती है। पहले यह यात्रा बागेश्वर से शुरू होती थी, लेकिन 2021 के कुंभ मेले को ध्यान में रखते हुए इसके मार्ग में बदलाव किया गया।


हरिद्वार का विकास और 2027 का कुंभ मेला

मुख्यमंत्री ने हरिद्वार को धर्मनगरी के रूप में और अधिक भव्य बनाने की प्रतिबद्धता जताई। उन्होंने कहा कि हरिद्वार-ऋषिकेश कॉरिडोर के निर्माण के बाद यह शहर काशी और अयोध्या की तरह अपने गौरवशाली स्वरूप में नजर आएगा। वर्ष 2027 में हरिद्वार में आयोजित होने वाले कुंभ मेले को भव्य और दिव्य रूप देने की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। इसके लिए सभी अखाड़ों के प्रतिनिधियों से सुझाव लिए जा रहे हैं, और स्थानीय लोगों की सहमति को प्राथमिकता दी जाएगी।

“हरिद्वार का भव्य स्वोरूप देश-दुनिया के सामने लाने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। 2027 का कुंभ मेला ऐतिहासिक और अविस्मरणीय होगा।” — मुख्यमंत्री


संतों की भूमिका और सामाजिक विकास

मुख्यमंत्री ने संतों की समाज में महत्वपूर्ण भूमिका की सराहना की। उन्होंने कहा कि संत न केवल आध्यात्मिक मार्गदर्शन करते हैं, बल्कि रोजगार, स्वरोजगार और आर्थिक विकास के लिए भी प्रेरणा देते हैं। श्रीमहंत हरिगिरि महाराज ने मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व की प्रशंसा करते हुए कहा कि उनके ऐतिहासिक निर्णय, जैसे समान नागरिक संहिता और भू-कानून, अन्य राज्यों के लिए अनुकरणीय हैं। निरंजनी अखाड़ा के पीठाधीश्वर कैलाशानंद गिरी महाराज ने भी मुख्यमंत्री के सनातन धर्म के प्रति समर्पण की सराहना की।


यात्रा का मार्ग और आयोजन

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री श्रीमहंत हरिगिरि ने बताया कि पवित्र छड़ी यात्रा जूना अखाड़े से शुरू होकर यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ जाएगी। इसके बाद यह कुमाऊं मंडल के तीर्थ स्थलों से होकर वापस हरिद्वार लौटेगी और माया देवी मंदिर में प्रतिष्ठित होगी। कार्यक्रम का संचालन अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविंद्र पुरी महाराज ने किया।


उपस्थित गणमान्य व्यक्ति

इस अवसर पर ललितानंद गिरी महाराज, प्रेमगिरी महाराज, हरिद्वार विधायक मदन कौशिक, रुड़की विधायक प्रदीप बत्रा, रानीपुर विधायक आदेश चौहान, मेयर किरण जैसल, जिलाध्यक्ष भाजपा अशुतोष शर्मा, लव शर्मा, राज्य मंत्री सुनिल सैनी, देशराज कर्णवाल, जिला महामंत्री संजीव चौधरी, जिलाधिकारी मयूर दीक्षित, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रमेंद्र सिंह डोभाल, उपाध्यक्ष एचआरडीए अंशुल सिंह, मुख्य नगर आयुक्त नंदन कुमार सहित कई साधु-संत उपस्थित रहे।

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