- दिव्यांग दक्षता पुरस्कार वितरण: 89 दिव्यांग कर्मचारियों, खिलाड़ियों, और स्वरोजगारियों को सम्मानित किया गया।
- नई योजनाओं की घोषणा: दिव्यांग विद्यार्थियों के लिए निःशुल्क ऑनलाइन आईएएस कोचिंग और विशेष उपकरण वितरण का वादा।
- दिव्यांगजनों के लिए सुविधाओं में सुधार: पेंशन योजनाओं, स्वरोजगार प्रशिक्षण केंद्रों और दिव्यांग पुनर्वास केंद्रों का विस्तार।
दिव्यांग दक्षता पुरस्कार वितरण कार्यक्रम
देहरादून में आयोजित विश्व दिव्यांग दिवस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 89 दिव्यांगजनों को राज्य स्तरीय दक्षता पुरस्कार देकर सम्मानित किया। इन पुरस्कारों में 25 दक्ष दिव्यांग कर्मचारी, 32 खिलाड़ी, 30 स्वरोजगार में जुटे दिव्यांगजन और 2 सेवायोजक शामिल थे।
मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि अगले वर्ष तक सभी जिलों में विशेष शिविर लगाकर दिव्यांगजनों को निशुल्क उपकरण उपलब्ध कराए जाएंगे। साथ ही दिव्यांग विद्यार्थियों के लिए निःशुल्क ऑनलाइन आईएएस कोचिंग की व्यवस्था होगी।
दिव्यांगजनों के साहस की सराहना
मुख्यमंत्री ने दिव्यांगजनों की उपलब्धियों को प्रेरणादायक बताया। उन्होंने कहा, “इन लोगों ने अपने आत्मविश्वास और मेहनत से न केवल अपने जीवन को बदला है बल्कि समाज को भी नई सोच दी है।” उन्होंने दिव्यांगजनों को “समाज के असली नायक” कहते हुए उनकी सराहना की।
दिव्यांगजनों के लिए सरकारी योजनाएं
पेंशन और वित्तीय सहायता:
- दिव्यांगजनों को प्रतिमाह ₹1500 पेंशन।
- जन्म से दिव्यांग बच्चों के माता-पिता को ₹700 प्रतिमाह सहायता।
- कृषि दुर्घटनाओं या अन्य कारणों से दिव्यांग हुए व्यक्तियों को ₹1200 प्रतिमाह पेंशन।
- 4 फीट से कम लंबाई वाले व्यक्तियों को विशेष पेंशन।
शिक्षा और स्वरोजगार:
- कक्षा 1 से 8 तक के दिव्यांग बच्चों को छात्रवृत्ति।
- कृत्रिम अंग और उपकरण खरीदने के लिए ₹7000 की सहायता।
- स्वरोजगार के लिए प्रशिक्षण केंद्रों में सिलाई, प्रिंटिंग और अन्य कौशल का प्रशिक्षण।
पुनर्वास और अन्य सुविधाएं:
- हर जिले में दिव्यांग पुनर्वास केंद्र स्थापित।
- मानसिक रूप से दिव्यांग महिलाओं के लिए “हाफ वे होम” और “नारी निकेतन” की व्यवस्था।
- दिव्यांग सलाहकार बोर्ड और ऑनलाईन शिकायत निस्तारण।
प्रधानमंत्री और राज्य सरकार का सहयोग
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में दिव्यांग अधिकार अधिनियम 2016 को लागू करने का उल्लेख किया, जिससे दिव्यांगता की श्रेणियां 7 से बढ़ाकर 21 कर दी गई हैं। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने दिव्यांगजनों के लिए सार्वजनिक स्थानों पर सुविधाओं को बढ़ाने का प्रयास किया है।
इस कार्यक्रम ने न केवल दिव्यांगजनों को प्रोत्साहित किया बल्कि समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की उम्मीद भी जगाई। मुख्यमंत्री ने दिव्यांगजनों को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने के लिए अपने निरंतर प्रयास जारी रखने का वादा किया।