देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को मुख्यमंत्री आवास के मुख्य सेवक सदन में उच्च शिक्षा विभाग के तहत लोक सेवा आयोग, उत्तराखंड द्वारा चयनित 72 असिस्टेंट प्रोफेसरों को नियुक्ति पत्र सौंपे। इस अवसर पर समाजशास्त्र, अर्थशास्त्र, और अंग्रेजी विषयों में चयनित असिस्टेंट प्रोफेसरों को विशेष रूप से नियुक्ति पत्र दिए गए।
मेधावी छात्रों के लिए नए पोर्टल का शुभारंभ
मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम के दौरान राज्य के मेधावी छात्रों के लिए नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क (एन.आई.आर.एफ) संस्थानों में 50,000 रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए एक नए पोर्टल का भी शुभारंभ किया।
नव-नियुक्त असिस्टेंट प्रोफेसरों को शुभकामनाएं
मुख्यमंत्री ने सभी नव-नियुक्त असिस्टेंट प्रोफेसरों को बधाई देते हुए कहा कि शिक्षक समाज के भविष्य निर्माता होते हैं और उनके कंधों पर युवाओं को सही दिशा देने की जिम्मेदारी होती है। उन्होंने कहा कि यह चयनित असिस्टेंट प्रोफेसरों के करियर का पहला चरण है, और अब उनके सामने बच्चों के भविष्य को संवारने की चुनौती है।
राज्य सरकार की उपलब्धियों का जिक्र
मुख्यमंत्री धामी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के उस कथन का उल्लेख किया जिसमें उन्होंने उत्तराखंड को 21वीं सदी के तीसरे दशक का राज्य बताया था। उन्होंने बताया कि राज्य में समान नागरिक संहिता लागू करने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है और पिछले तीन वर्षों में 16,000 से अधिक युवाओं को सरकारी सेवाओं में नियुक्ति दी गई है। साथ ही, उन्होंने बताया कि उत्तराखंड को नीति आयोग द्वारा जारी सतत विकास लक्ष्यों में देश में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है, जो राज्य के लिए गर्व का विषय है।
उच्च शिक्षा में नवाचार और सुधार
मुख्यमंत्री ने कहा कि उच्च शिक्षा का महत्व मानव संसाधनों को तराशने में है। उन्होंने शिक्षकों से आग्रह किया कि वे युवाओं को न केवल रोजगार पाने वाला बल्कि रोजगार देने वाला भी बनाएं। राज्य सरकार द्वारा इस दिशा में देवभूमि उद्यमिता योजना शुरू की गई है और राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को भी लागू किया गया है। इसके तहत उच्च शिक्षा को और भी प्रभावी और गुणवत्तापूर्ण बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
भविष्य की योजनाओं पर प्रकाश
मुख्यमंत्री ने प्रदेश के राजकीय महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों में आधारभूत संरचनाओं के निर्माण और तकनीक के विस्तार पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि राज्य में 20 मॉडल कॉलेजों की स्थापना की जा रही है और मेधावी छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति दी जा रही है। इसके अलावा, शोध को बढ़ावा देने और छात्रों को बैंकिंग एवं वित्तीय क्षेत्र में प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए ‘गौरव योजना’ की भी जानकारी दी।
इस अवसर पर राज्यसभा सांसद नरेश बंसल, विधायक उमेश शर्मा काऊ, खजान दास, सविता कपूर, और उच्च शिक्षा विभाग के अन्य अधिकारी मौजूद थे।