देशभर में लागू हुए तीन नए आपराधिक कानूनों का उत्तराखंड में मुख्यमंत्री ने किया औपचारिक शुभारंभ -नए कानून न्याय की अवधारणा को करेंगे मजबूतः मुख्यमंत्री

देश को नई दिशा दिखाने का कार्य करेंगे नए कानूनः धामी

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को पुलिस मुख्यालय देहरादून में आयोजित कार्यक्रम में भाग लेते हुए भारतीय न्याय व्यवस्था में लागू हुए तीन नए आपराधिक कानूनों का राज्य में औपचारिक शुभारंभ किया। यह उल्लेखनीय है कि आज से संपूर्ण देश में तीन नए आपराधिक कानून- भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 लागू हो गए हैं। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने तीन नए कानूनों पर आधारित एप्लीकेशन का शुभारंभ किया और विवेचक पुलिसकर्मियों को टैबलेट वितरित किए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने तीन नए कानूनों के लागू होने पर सभी को बधाई देते हुए कहा कि आज भारतीय न्याय व्यवस्था के लिए ऐतिहासिक दिन है। अंग्रेजों के समय से चले आ रहे पुराने और गैरजरूरी कानूनों को हटाकर वर्तमान परिस्थिति के अनुसार नए आपराधिक कानून लागू हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के नेतृत्व में नए कानून न्याय की अवधारणा को मजबूत करेंगे और न्याय प्राप्त करने की प्रक्रिया को सरल और सुलभ बनाएंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अनुशासन, निष्पक्षता और न्याय हमारे देश की पुरानी परंपरा है। ये तीनों कानून देश के हर नागरिक की स्वतंत्रता, मानव अधिकार और समान व्यवहार को सुनिश्चित करेंगे। ये कानून गुलामी की मानसिकता को मिटाने और औपनिवेशिक कानूनों से मुक्ति दिलाने की मोदी सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं। नए कानून आजादी के अमृत महोत्सव के बाद के कालखंड में देश को नई दिशा दिखाने का कार्य करेंगे। अब हमारी न्याय प्रणाली पूरी तरह से स्वदेशी होगी जो भारत द्वारा, भारत के लिए और भारतीय संसद द्वारा बनाए गए कानूनों के अनुसार संचालित होगी। नए कानून नागरिकों के अधिकारों की रक्षा के साथ कानून व्यवस्था को भी अधिक मजबूत करेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि नए कानूनों में ई-एफ.आई.आर की सुविधा शुरू की गई है। अब न्यायालय पीड़ित को सुने बिना मुकदमा वापस लेने की अनुमति नहीं देगा। नए कानूनों में टेक्नोलॉजी के प्रयोग और फॉरेंसिक विज्ञान को बढ़ावा दिया गया है। नई न्याय प्रणाली सभी को पारदर्शी और त्वरित न्याय देने के लिए अत्याधुनिक तकनीकों को बढ़ावा देगी। नए कानूनों में ऑनलाइन व्यवस्था पर भी जोर दिया गया है। नए कानूनों में सबकुछ स्पष्टता और सरलता के साथ समाहित किया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहली बार हमारे कानून आतंकवाद, संगठित अपराधों और आर्थिक अपराधों को पूरी तरह परिभाषित करेंगे। नए कानूनों में मॉब लिंचिंग को स्पष्ट रूप से परिभाषित किया गया है और भगोड़ों की गैरमौजूदगी में भी मुकदमा चलाने के लिए स्पष्ट प्रावधान किए गए हैं। साथ ही छोटे अपराधों के लिए सजा के रूप में सामुदायिक सेवा की शुरुआत एक क्रांतिकारी कदम है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार उत्तराखंड की जनता को न्याय दिलाने और उनके अधिकारों के संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है। नए कानूनों को लागू करने हेतु राज्य सरकार ने 20 करोड़ रुपये की धनराशि का प्रावधान किया है। उन्होंने कहा कि आगे भी इन कानूनों के क्रियान्वयन के लिए आवश्यक सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि तीनों कानूनों को उत्तराखंड पुलिस पूरी प्रतिबद्धता के साथ लागू करेगी। कार्यक्रम के दौरान विभिन्न जिलों से अधिवक्ताओं, पुलिस अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों ने भी तीन नए कानूनों पर विस्तार से जानकारी दी। इस अवसर पर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार, सचिव शैलेश बगौली, सचिव गृह दिलीप जावलकर, निदेशक अभियोजन डॉ. पीवीके प्रसाद, अपर पुलिस महानिदेशक डॉ. वी मुरुगेशन, अमित सिन्हा, अपर महानिदेशक कानून व्यवस्था एपी अंशुमन, आईजी स्तर के अधिकारी और वर्चुअल माध्यम से विभिन्न जिलों के एसएसपी, एसपी अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

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