समान नागरिक संहिता को लेकर संतों ने किया अभिनंदन
मुख्य बिंदु:
- प्रयागराज महाकुंभ में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) की चर्चा
- मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के सम्मान में समरसता कार्यक्रम का आयोजन
- संतों ने उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू करने पर जताई प्रशंसा
- मुख्यमंत्री ने संत समाज का आभार जताते हुए इसे ऐतिहासिक कदम बताया
संतों के समागम में मुख्यमंत्री का सम्मान
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ के दौरान संत समाज ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का विशेष सम्मान किया। यह सम्मान उन्हें उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू करने के लिए दिया गया। इस अवसर पर संतों ने समरसता और समानता पर आधारित एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया, जिसमें मुख्यमंत्री धामी को पुष्पमाला पहनाकर अभिनंदन किया गया।
महाकुंभ में गूंजी समान नागरिक संहिता की चर्चा
संतों ने महाकुंभ के पवित्र मंच से समान नागरिक संहिता को समाज में समानता स्थापित करने का महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व में उत्तराखंड सरकार ने एक ऐतिहासिक निर्णय लिया है, जिससे समाज में एकरूपता और न्याय की भावना मजबूत होगी।
संतों का आभार जताते हुए मुख्यमंत्री ने दिया संबोधन
मुख्यमंत्री धामी ने संतों के सम्मान को पूरे उत्तराखंड राज्य की जनता का सम्मान बताया। उन्होंने कहा, “हमने 2022 के चुनाव से पहले समान नागरिक संहिता लागू करने का वादा किया था और सरकार बनने के बाद इसे प्राथमिकता देते हुए लागू किया। यह सिर्फ एक कानून नहीं, बल्कि समाज में समानता और न्याय की दिशा में बड़ा कदम है।”
उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश और उत्तराखंड में विकास की नई गाथा लिखी जा रही है। प्रधानमंत्री की प्रेरणा से ही राज्य सरकार ने यह साहसिक निर्णय लिया।
यूसीसी: सामाजिक समरसता की दिशा में क्रांतिकारी कदम
मुख्यमंत्री धामी ने अपने संबोधन में समान नागरिक संहिता को भारतीय संविधान की भावना के अनुरूप बताया। उन्होंने कहा कि इससे सभी धर्मों और वर्गों के लोगों को एक समान कानून के दायरे में लाया गया है, जिससे समाज में किसी भी तरह के भेदभाव को समाप्त किया जा सके।
उन्होंने 2022 में दिल्ली में हुई श्रद्धा वॉकर हत्याकांड का जिक्र करते हुए कहा कि यूसीसी लागू होने से इस तरह की घटनाओं पर रोक लगेगी। उन्होंने विश्वास जताया कि आने वाले समय में अन्य राज्य भी उत्तराखंड की राह पर चलते हुए समान नागरिक संहिता को अपनाएंगे।
संत समाज ने मुख्यमंत्री की सराहना की
आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि महाराज ने मुख्यमंत्री धामी की प्रशंसा करते हुए कहा, “उत्तराखंड भले ही छोटा राज्य हो, लेकिन यहां समान नागरिक संहिता लागू कर मुख्यमंत्री ने पूरे देश के लिए एक मिसाल कायम की है। यह सिर्फ उत्तराखंड ही नहीं, बल्कि पूरे भारत के लिए ऐतिहासिक क्षण है।”
अन्य संतों ने भी मुख्यमंत्री धामी के इस साहसिक फैसले की सराहना की और कहा कि इससे समाज में समानता और समरसता का मार्ग प्रशस्त हुआ है।
महाकुंभ में संतों का संकल्प
महाकुंभ में उपस्थित संतों ने समान नागरिक संहिता को देशभर में लागू करने की वकालत की। महामंडलेश्वर स्वामी बालकानंद गिरी, महंत रविंद्रपुरी, महंत हरि गिरी, महामंडलेश्वर साध्वी निरंजन ज्योति सहित अन्य संतों ने इसे समाज सुधार की दिशा में बड़ा कदम बताया।
उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री धामी का यह निर्णय भारत के सांस्कृतिक और सामाजिक मूल्यों को मजबूत करेगा और इससे आने वाली पीढ़ियों को भी लाभ मिलेगा।