देहरादून, 30 सितंबर 2025 उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को देहरादून के परेड ग्राउंड में आंदोलनरत युवाओं के बीच पहुंचकर अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) की हालिया परीक्षा से जुड़े विवादास्पद प्रकरण की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराने की सहमति दे दी। सीएम धामी का यह अचानक दौरा युवाओं के बीच उत्साह का संचार कर गया, जहां उन्होंने भावुक अपील करते हुए कहा कि सरकार युवाओं के मन में किसी भी प्रकार का संदेह या अविश्वास नहीं रहने देना चाहती। यह कदम उत्तराखंड की भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण फैसला माना जा रहा है।
धरना स्थल पर सीएम का सरप्राइज विजिट: युवाओं का कष्ट देखा तो खुद पहुंचे
सोमवार दोपहर के बाद मुख्यमंत्री धामी बिना किसी पूर्व सूचना के परेड ग्राउंड पहुंचे, जहां पिछले कई दिनों से युवा भर्ती परीक्षा में कथित अनियमितताओं के खिलाफ धरना दे रहे थे। गर्मी और त्योहारी सीजन के बीच युवाओं की परेशानी को देखते हुए सीएम ने कहा कि उन्हें इससे दुख हो रहा है। उन्होंने युवाओं से बातचीत की, उनका पक्ष सुना और तत्काल सीबीआई जांच की संस्तुति का ऐलान कर दिया।
सीएम धामी ने कहा, “मैं चाहता तो यह चर्चा कार्यालय में कर सकता था, लेकिन युवाओं के कष्ट को महसूस करने के लिए खुद धरना स्थल पर आया हूं। सरकार पूरी तरह आपके साथ है।” उन्होंने पिछले हफ्ते युवाओं से मुलाकात का जिक्र करते हुए बताया कि तभी उन्होंने स्पष्ट कर दिया था कि युवाओं के मन में कोई शंका नहीं रहनी चाहिए। इसलिए बिना देर किए वे सीधे परेड ग्राउंड आ गए।
पारदर्शिता का संकल्प: पिछले चार साल में 25 हजार भर्तियां बिना विवाद
मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि सरकार का एकमात्र उद्देश्य भर्ती प्रक्रिया को पूरी तरह पारदर्शी बनाना है। विगत चार वर्षों में राज्य सरकार ने 25 हजार से अधिक सरकारी पदों पर भर्तियां की हैं, जिनमें कहीं कोई शिकायत नहीं आई। उन्होंने कहा, “केवल एक प्रकरण में यह विवाद सामने आया है, लेकिन युवाओं के मन से हर प्रकार की शंका मिटाने के लिए हम सीबीआई जांच की सिफारिश करेंगे।”
इससे पहले गठित एसआईटी (विशेष जांच दल), जो हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज की निगरानी में जांच कर रही थी, अपना कार्य शुरू कर चुकी है। लेकिन युवाओं की मांग पर सरकार ने इसे राष्ट्रीय स्तर पर ले जाने का फैसला लिया है। सीएम ने युवाओं को आश्वस्त किया कि इसमें कोई रुकावट नहीं आएगी।
भावुक अपील: युवाओं के सपनों को साकार करने का वादा
युवाओं को संबोधित करते हुए सीएम धामी भावुक हो उठे। उन्होंने कहा कि वे जानते हैं कि उत्तराखंड के युवा पढ़ाई के बाद सरकारी नौकरी की तैयारी करते हैं, क्योंकि उनके पास जीवन के खूबसूरत सपने होते हैं। “मैंने खुद छात्रों और युवाओं के बीच काम करते हुए ऐसी परिस्थितियां देखी हैं। आपकी मेहनत और संघर्ष का सम्मान करता हूं।”
उन्होंने युवाओं से अपील की कि अमृतकाल के विकसित भारत में उत्तराखंड को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने में युवाओं की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण होगी। सीएम ने कहा, “आपके सपनों को साकार करने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है।”
मुकदमों की वापसी: आंदोलनकारियों को राहत
मुख्यमंत्री ने एक और महत्वपूर्ण घोषणा की कि आंदोलन के दौरान यदि युवाओं पर कहीं मुकदमे दर्ज हुए हैं, तो उन्हें तत्काल वापस लिया जाएगा। यह कदम आंदोलनकारियों के बीच भरोसा बढ़ाने के लिए उठाया गया है। सीएम ने युवाओं को धरना समाप्त करने और पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करने की सलाह दी, ताकि वे राज्य के विकास में योगदान दे सकें।
युवाओं की प्रतिक्रिया: संतुष्टि और उत्साह का माहौल
सीएम के ऐलान के बाद परेड ग्राउंड में मौजूद युवाओं में खुशी की लहर दौड़ गई। कई युवाओं ने कहा कि यह कदम न केवल उनकी मांगों को पूरा करता है, बल्कि भविष्य की भर्तियों में पारदर्शिता सुनिश्चित करेगा। एक युवा कार्यकर्ता ने कहा, “सीएम का धरना स्थल पर आना अपने आप में एक बड़ा संदेश है। हमारा विश्वास बहाल हो गया है।”
यह घटना उत्तराखंड सरकार की युवा-केंद्रित नीतियों को मजबूत करने का प्रतीक बनी है। अब सभी की नजरें सीबीआई जांच की सिफारिश पर हैं, जो जल्द ही केंद्र को भेजी जाएगी।