देहरादून, आजखबर। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को सचिवालय में नवगठित सेतु आयोग की कार्ययोजना से संबंधित प्रस्तुतीकरण का अवलोकन करते हुए निर्देश दिया कि सेतु आयोग आने वाले 2 साल के लिए प्रभावी नीति बनाए। उन्होंने कहा कि सेतु द्वारा कौशल विकास और स्वरोजगार की दिशा में विशेष ध्यान दिया जाए, ताकि राज्य के युवाओं को रोजगार के लिए राज्य से बाहर न जाना पड़े। स्किल डेवलपमेंट प्लान और योजनाओं के सरलीकरण की दिशा में विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री ने यह सुनिश्चित करने को कहा कि जो भी कार्ययोजना बनाई जा रही है, वह आगामी 2 सालों में पूरी तरह से धरातल पर दिखे।
मुख्यमंत्री ने जनपदों के विकास के लिए उनकी भौगोलिक परिस्थितियों के अनुकूल विकास की योजनाओं पर कार्य करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सेतु आयोग के गठन का उद्देश्य राज्य में मजबूत और सुदृढ़ नीतियां बनाना, योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू करना, प्रभावी कार्य संस्कृति को विकसित करना, विकास और पर्यावरण में संतुलन बनाते हुए योजनाओं का क्रियान्वयन और प्रभावी निगरानी रखना है। सेतु आयोग ऐसी योजनाओं पर कार्य करेगा, जिसमें राज्य का समग्र विकास प्राथमिकता में हो।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी विभागों के लिए रिजल्ट ओरिएंटेशन और गुड गवर्नेंस आधारित कार्य योजनाओं पर कार्य किया जाए।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि समाज के अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति तक योजनाओं का पूरा लाभ पहुंचे, इसके लिए विभिन्न माध्यमों से योजनाओं का प्रचार-प्रसार किया जाए। प्रचार-प्रसार के लिए सरल तरीके अपनाए जाएं। आवश्यकता हो तो यूजर फ्रेंडली पोर्टल या एप्लीकेशन भी बनाए जाएं। आम जनता को अपनी योजनाओं के बारे में पता हो, इसके लिए टेक्नोलॉजी का अधिक से अधिक इस्तेमाल किया जाए।
उन्होंने राज्य में डाटा इकोसिस्टम बनाने पर भी कार्य करने का निर्देश दिया, जिससे योजनाओं का आंकलन करने में आसानी हो और विभागों के आउटकम की मॉनिटरिंग भी हो सके।
इस अवसर पर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, उपाध्यक्ष सेतु राजशेखर जोशी, सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, अपर सचिव डॉ. विजय कुमार जोगदंडे और नियोजन विभाग के मनोज पंत उपस्थित थे