- वीर सैनिकों और पूर्व सैनिकों का सम्मान।
- उत्तराखंड: वीरभूमि के साहसी सपूत।
- पूर्व सैनिकों के अनुभव से देश को नई दिशा।
- प्रधानमंत्री द्वारा वन रैंक-वन पेंशन का उल्लेख।
- राष्ट्रीय खेलों का आयोजन: 28 जनवरी से।
कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य
राजभवन, देहरादून में मंगलवार को राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ‘एक शाम सैनिकों के नाम’ कार्यक्रम में हिस्सा लिया। यह कार्यक्रम सशस्त्र बल भूतपूर्व सैनिक दिवस (वेटरन्स डे) के अवसर पर आयोजित किया गया था। इसका उद्देश्य वीर सैनिकों और उनके परिवारों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करना था।
राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने वीरता पदक विजेताओं और सराहनीय कार्य करने वाले भूतपूर्व सैनिकों को सम्मानित किया। अर्धसैनिक बलों के जवानों और अधिकारियों को भी उनके योगदान के लिए राज्यपाल प्रशंसा पत्र और यूनिट प्रशंसा पत्र से सम्मानित किया गया।
राज्यपाल के विचार:
राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह ने कहा कि पूर्व सैनिकों का अनुभव और नेतृत्व क्षमता राष्ट्र के लिए अमूल्य हैं। उन्होंने कहा:
- 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने में सैनिकों का योगदान महत्वपूर्ण होगा।
- भूतपूर्व सैनिकों को स्टार्टअप और उद्यमिता के क्षेत्र में आगे आना चाहिए।
- शहीदों के परिवारों के लिए बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं और सुविधाओं का प्रबंधन सुनिश्चित किया जाएगा।
राज्यपाल ने उत्तराखंड को वीरभूमि बताते हुए इसे देश के लिए प्रेरणा का स्रोत कहा।
मुख्यमंत्री का संबोधन:
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा:
- सैनिक पुत्र होने के नाते वह इस कार्यक्रम को अपने परिवार के करीब मानते हैं।
- उत्तराखंड ने भारतीय सेना के इतिहास में वीरता और साहस का अद्वितीय प्रदर्शन किया है।
- राज्य सरकार शहीदों और उनके परिवारों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है।
- शहीदों के परिजनों के लिए अनुग्रह राशि को 10 लाख से बढ़ाकर 50 लाख किया गया है।
राष्ट्रीय खेलों और समान नागरिक संहिता का जिक्र:
मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि जनवरी 2025 में उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू होगी। इसके साथ ही, 28 जनवरी से राष्ट्रीय खेलों का आयोजन किया जाएगा, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उद्घाटन करेंगे। इसमें 10,000 खिलाड़ी भाग लेंगे।
सम्मानित सैनिक और अधिकारी:
कार्यक्रम में कई वीर सैनिकों और अधिकारियों को सम्मानित किया गया, जिनमें मेजर गोविंद सिंह, कर्नल पीयूष भट्ट, मेजर सौरभ थापा, और अर्धसैनिक बल के हेड कांस्टेबल कपिल देव जैसे नाम शामिल हैं।
समापन:
कार्यक्रम में राज्यपाल ने कहा कि यह पहल उन वीर सैनिकों के प्रति सम्मान प्रकट करने का प्रयास है, जिन्होंने देश की रक्षा के लिए बलिदान दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड सैनिकों के योगदान के लिए हमेशा कृतज्ञ रहेगा।