नारी सशक्तिकरण और सनातन संस्कृति की प्रतीक थीं अहिल्याबाई
- प्रधानमंत्री के नेतृत्व में सांस्कृतिक पुनर्जागरण का अमृतकाल
- उत्तराखंड में धार्मिक और सांस्कृतिक स्थलों के विकास पर विशेष ध्यान
त्याग और सेवा की प्रतिमूर्ति को मुख्यमंत्री ने किया नमन
देहरादून
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को मुख्य सेवक सदन, मुख्यमंत्री आवास में आयोजित कार्यक्रम में अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जन्म जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि अहिल्याबाई ने न केवल शासन को जनसेवा और धर्म के पुनर्स्थापन का माध्यम बनाया, बल्कि सनातन संस्कृति की पुनर्स्थापना में भी अतुलनीय योगदान दिया।
धार्मिक स्थलों के जीर्णोद्धार से किया सांस्कृतिक आत्मा का पुनरुत्थान
मुख्यमंत्री ने कहा कि अहिल्याबाई होल्कर ने:
- काशी विश्वनाथ, सोमनाथ, द्वारका, रामेश्वरम, अयोध्या और मथुरा जैसे पवित्र स्थलों का जीर्णोद्धार कराया
- बद्रीनाथ, केदारनाथ और हरिद्वार जैसे उत्तराखंड के पवित्र स्थलों में भी महत्वपूर्ण कार्य कराए
- धर्मशालाओं और रास्तों के निर्माण के माध्यम से तीर्थयात्रियों को सुविधा प्रदान की
उन्होंने कहा कि यह कार्य भारत की सांस्कृतिक आत्मा को पुनर्जीवित करने का एक ऐतिहासिक प्रयास था।
नारी सशक्तिकरण की मिसाल बनी अहिल्याबाई
मुख्यमंत्री ने कहा कि अहिल्याबाई ने उस काल में नारी सशक्तिकरण की एक ऐसी अनुपम मिसाल पेश की, जिसकी कल्पना भी कठिन थी। वह केवल एक प्रशासक नहीं, बल्कि धर्मनिष्ठ, करुणामयी और सेवा भाव से प्रेरित नायिका थीं।
प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत का सांस्कृतिक पुनर्जागरण
मुख्यमंत्री ने कहा:
“प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने सांस्कृतिक चेतना के पुनर्जागरण के अमृतकाल में प्रवेश कर लिया है।”
उन्होंने राम मंदिर निर्माण, केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम का पुनर्निर्माण, और बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, उज्ज्वला योजना, लखपति दीदी जैसी योजनाओं के माध्यम से महिला सशक्तिकरण के वर्तमान स्वरूप को अहिल्याबाई के आदर्शों से प्रेरित बताया।
उत्तराखंड में धार्मिक और सांस्कृतिक विकास योजनाएं
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे कार्यों में शामिल हैं:
- केदारखंड और मानसखंड मंदिर क्षेत्रों का सौंदर्यीकरण
- हरिपुर कालसी में यमुनातीर्थ का पुनरुद्धार
- हरिद्वार-ऋषिकेश और शारदा कॉरिडोर का निर्माण
इन योजनाओं से न केवल पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा बल्कि धार्मिक आस्था और सांस्कृतिक मूल्यों का संरक्षण भी होगा।
महिला सशक्तिकरण योजनाओं का विस्तार
मुख्यमंत्री ने राज्य में लागू की गई योजनाओं का उल्लेख किया:
- मुख्यमंत्री नारी सशक्तिकरण योजना
- महालक्ष्मी योजना, वात्सल्य योजना, आंचल अमृत योजना
- पोषण अभियान
- सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 30% आरक्षण
सुधारात्मक कानून और युवाओं के लिए अवसर
मुख्यमंत्री धामी ने राज्य में लागू की गई नई नीतियों की जानकारी दी:
- सख्त भू-कानून: राज्य के मूल स्वरूप की रक्षा हेतु
- समान नागरिक संहिता: उत्तराखंड पहला राज्य
- नकल विरोधी कानून: पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया के लिए
इसके माध्यम से 23,000 से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरियां प्रदान की गई हैं।
उपस्थित गणमान्य व्यक्ति
इस अवसर पर प्रमुख नेताओं की उपस्थिति रही, जिनमें शामिल थे:
- भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े
- प्रदेश अध्यक्ष एवं राज्यसभा सांसद महेंद्र भट्ट
- महामंत्री संगठन अजेय कुमार
- भाजपा महिला मोर्चा की राष्ट्रीय महामंत्री दीप्ति रावत भारद्वाज
साथ ही कई जनप्रतिनिधि और पार्टी कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
निष्कर्ष:
कार्यक्रम के माध्यम से मुख्यमंत्री ने अहिल्याबाई होल्कर के ऐतिहासिक योगदान को नई पीढ़ी के समक्ष प्रस्तुत करते हुए उनके पदचिन्हों पर चलकर भारत के सांस्कृतिक पुनरुद्धार और नारी सशक्तिकरण के लक्ष्य की ओर बढ़ने का आह्वान किया।