आईएमए में गर्व और समर्पण का भव्य समारोह
देहरादून स्थित भारतीय सैन्य अकादमी (IMA) में शनिवार को एक ऐतिहासिक और प्रेरणादायक पासिंग आउट परेड आयोजित हुई। इस अवसर पर 419 भारतीय जेंटलमैन कैडेट्स भारतीय सेना में अफसर के रूप में शामिल हुए।
इसके अलावा, 9 मित्र देशों—जैसे श्रीलंका, भूटान, अफगानिस्तान आदि—के 32 कैडेट्स ने भी प्रशिक्षण पूर्ण कर अकादमी से दीक्षा प्राप्त की।
श्रीलंका सेना प्रमुख ने परेड की समीक्षा
परेड की समीक्षा अधिकारी के रूप में श्रीलंका के सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल बीकेजीएम लासंथा रोड्रिगो उपस्थित रहे।
वे स्वयं 1990 में IMA के 87वें कोर्स से पासआउट हो चुके हैं, जिससे उनका यह दौरा भावुक और ऐतिहासिक बन गया।
उन्होंने कैडेट्स की अनुशासित परेड, प्रशिक्षकों के समर्पण और सैन्य धुनों पर सधे कदमों की खुले दिल से सराहना की।
प्रेरणादायक संबोधन: वर्दी केवल पद नहीं, जीवनशैली है
अपने संबोधन में जनरल रोड्रिगो ने सेना के चार मूलभूत स्तंभों पर प्रकाश डाला –
- अनुशासन: आत्मसंयम का पर्याय
- ईमानदारी: वह जो तब भी बनी रहती है जब कोई देख न रहा हो
- निष्ठा: जो पद से ऊपर होती है
- सम्मान: वर्दी से जुड़ा पवित्र विश्वास
उन्होंने कहा, “वर्दी पहनना केवल एक औपचारिकता नहीं, बल्कि एक मिशन और जिम्मेदारी है जो राष्ट्र, सैनिकों और उनके परिवारों के प्रति होती है।”
सम्मान समारोह: उत्कृष्ट कैडेट्स को मिले पदक व गौरव
परेड के दौरान श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले कैडेट्स को विशेष पुरस्कार प्रदान किए गए। इनमें शामिल रहे:
- स्वॉर्ड ऑफ ऑनर व सिल्वर मेडल: अनिल नेहरा
- गोल्ड मेडल: रोनित रंजन
- ब्रॉन्ज मेडल: अनुराग वर्मा
- टीईएस सिल्वर: कपिल
- टीजी सिल्वर: आकाश भदौरिया
- चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ बैनर: केरन कंपनी
परेड स्थल पर इन नामों की घोषणा होते ही तालियों की गड़गड़ाहट से वातावरण गूंज उठा।
विदेशी कैडेट्स बने सैन्य साझेदारी के प्रतीक
परेड में शामिल 9 मित्र देशों के 32 कैडेट्स ने IMA से पासआउट होकर अंतरराष्ट्रीय सैन्य संबंधों की मजबूती को दर्शाया।
जनरल रोड्रिगो ने उन्हें IMA के वैश्विक प्रतिनिधि बताते हुए कहा कि “आप अपने-अपने देशों में सैन्य अनुशासन और नेतृत्व का उदाहरण बनेंगे।”
परेड की भव्य शुरुआत और दर्शकों की भावुक भागीदारी
परेड का शुभारंभ सुबह 6:38 बजे ‘मार्कर्स कॉल’ के साथ हुआ, जिसके बाद ‘एडवांस कॉल’ पर कैडेट्स पूरे अनुशासन और गर्व के साथ परेड मैदान पहुंचे।
‘सारे जहाँ से अच्छा’ और ‘कदम-कदम बढ़ाए जा’ जैसी सैन्य धुनों पर कदमताल करते कैडेट्स को देखकर परिजन और दर्शक भावविभोर हो उठे।
जनरल रोड्रिगो का प्रेरणादायक समापन संदेश
अपने समापन भाषण में उन्होंने कैडेट्स से कहा कि
“आप एक नई पीढ़ी के सैन्य नेता हैं। हमेशा सत्य, न्याय और राष्ट्र की सेवा को प्राथमिकता दें।”
उन्होंने फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ के प्रसिद्ध शब्दों से भाषण समाप्त किया:
“सच्चे बनो, ईमानदार बनो, निर्भीक बनो।”
आईएमए की पासिंग आउट परेड न केवल एक सैन्य परंपरा का उत्सव थी, बल्कि यह देशभक्ति, अनुशासन और नेतृत्व के मूल्यों का जीता-जागता उदाहरण भी बनी। इस आयोजन ने भारत और मित्र राष्ट्रों के बीच सैन्य मैत्री को और प्रगाढ़ किया, साथ ही देश को 419 नए रक्षक अफसरों का गौरव प्रदान किया।