प्रति व्यक्ति आय में 26% की वृद्धि
राज्य की जी.एस.डी.पी (सकल राज्य घरेलू उत्पाद) में 20 माह के भीतर 1.3 गुना वृद्धि दर्ज की गई है। इसके साथ ही पिछले दो सालों में राज्य की प्रति व्यक्ति आय में 26% की बढ़ोतरी हुई है। सचिव डॉ. आर. मीनाक्षी सुंदरम ने बताया कि राज्य सरकार का लक्ष्य 2022 में अगले पांच वर्षों में जी.एस.डी.पी को दोगुना करना है, जो फिलहाल सही दिशा में आगे बढ़ रहा है। वर्ष 2021-22 में राज्य की प्रति व्यक्ति आय 2,05,000 रुपये थी, जो 2023-24 में बढ़कर 2,60,000 रुपये हो गई है।
लेबर फोर्स पार्टिसिपेशन और वर्क पॉपुलेशन रेशियो में वृद्धि
भारत सरकार के पी.एल.एफ. सर्वेक्षण के अनुसार, राज्य में लेबर फोर्स पार्टिसिपेशन रेट और वर्क पॉपुलेशन रेशियो में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। 2022-23 में लेबर फोर्स पार्टिसिपेशन रेट 43.7% था, जो 2023-24 में बढ़कर 49% हो गया है। इसी तरह वर्क पॉपुलेशन रेशियो 37.5% से बढ़कर 44.2% हुआ है।
महिलाओं की भागीदारी में बढ़ोतरी
राज्य में महिलाओं की वर्क पॉपुलेशन रेशियो में भी सुधार हुआ है। 15 से 29 आयु वर्ग में यह 26.1% से बढ़कर 32.4% हो गई है, जबकि 15 से अधिक आयु वर्ग में यह 37% से बढ़कर 43.7% हो गई है। “लखपति दीदी योजना” और महिला स्वयं सहायता समूहों की भागीदारी बढ़ने से महिलाओं के रोजगार में यह सुधार देखा गया है।
बेरोजगारी दर में कमी
उत्तराखंड में बेरोजगारी दर में भी गिरावट आई है। 2022-23 में यह दर 14.2% थी, जो 2023-24 में घटकर 9.8% हो गई है। राज्य सरकार की नीतियों और रोजगार के लिए चलाए गए कार्यक्रमों ने बेरोजगारी को कम करने में मदद की है।
निष्कर्ष
उत्तराखंड में जी.एस.डी.पी में वृद्धि और बेरोजगारी दर में कमी राज्य की आर्थिक प्रगति का संकेत है। सरकार की नई नीतियां, रोजगार के अवसर और पर्यटन व विनिर्माण क्षेत्र में विकास से लोगों को रोजगार मिला है।