राज्यों को राज्य आपदा प्रतिक्रिया निधि का उपयोग करने के लिए अधिकृत किया
नईदिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निर्देशानुसार, सरकार लॉकडाउन की अवधि के दौरान प्रवासी कामगारों को हरसंभव सहायता उपलब्ध कराने को प्रतिबद्ध है। यह बात केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को कोविड-19 को फैलने से रोकने के लिए देश की तैयारियों की समीक्षा करते हुए कही।
प्रवासी कामगारों को हर संभव सहायता उपलब्ध कराने की मोदी सरकार की अभिलाषा के साथ केंद्रीय गृह सचिव ने राज्यों को फिर से पत्र लिखकर लॉकडाउन की अवधि के दौरान अपने गृह राज्यों को लौट रहे या ऐसा करने का प्रयास कर रहे प्रवासी कामगारों/तीर्थयात्रियों आदि के लिए तत्काल राहत शिविर स्थापित करने का अनुरोध किया है। राज्यों को लाउड स्पीकर्स, प्रौद्योगिकी और स्वयंसेवियों तथा गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) की सेवाओं का उपयोग करते हुए निम्नलिखित के बारे में सटीक सूचना को व्यापक रूप से प्रचारित करने और इसके बारे में जागरूकता फैलाने का परामर्श दिया गया है:
राज्यों को राजमार्गों से गुजर रहे लोगों के लिए उनसे सटे क्षेत्रों में राहत शिविर लगाने, साथ ही लॉकडाउन का आदेश जारी रहने तक इन लोगों का राहत शिविरों में रहना सुनिश्चित करने के लिए तम्बू लगाने की भी सलाह दी गई है। उन्हें परामर्श दिया गया है कि इन आश्रय स्थलों को तैयार करते समय सामाजिक दूरी सहित विविध सावधानियों को ध्यान में रखा जाना चाहिए और साथ ही अलग रखे जाने अथवा अस्पताल में भर्ती कराए जाने की आवश्यकता वाले लोगों की पहचान करने और उन्हें अलग करने के लिए उपयुक्त चिकित्सकीय जांच अभियान चलाए जाने चाहिए ।
गृह मंत्रालय ने समस्त राज्यों को ऐसे राहत उपाय करने के लिए राज्य आपदा प्रतिक्रिया निधि का उपयोग करने के लिए भी अधिकृत किया है। ये उपाय उन्हें इस समस्या से निपटने के लिए और अधिक मजबूती प्रदान करेंगे।