देवभूमि जो शांति और पर्यटन के लिए जानी जाती है अब अपराधियों के लिए सुरक्षित नहीं है। पुलिस अपराध करने वालों को बख्शने के मूड में नहीं है। देहरादून हरिद्वार और उधमसिंह नगर पुलिस अपराधियों के साथ सख्ती से पेश आ रही है। रोहित नेगी को गोली मारने वाला अजहर त्यागी पहले पढ़ने आया था फिर अपराध में शामिल हो गया।
शांत, धार्मिक व पर्यटन के लिए विख्यात देवभूमि अब अपराधियों के लिए सुरक्षित पनाहगार नहीं है। पुलिस ने साफ कर दिया है कि अपराध करने वालों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। कुछ महीनों में राज्य के विभिन्न जिलों में पुलिस की ओर से की गई कार्रवाई इसका उदाहरण है।
अजहर के घर पर उसके तीन भाई हैं, जिनमें एक विदेश में रहता, जबकि दो दुकान चलाते हैं। ऐसे में उसे पैसे की कभी कमी नहीं हुई। पढ़ाई के दौरान ही उसकी मेरठ की रहने वाली आन्या खान से मुलाकात हुई और दोनों एक-दूसरे के नजदीक आ गए। कुछ समय से आन्या आयुष के संपर्क में थी, जोकि अजहर को रास नहीं आया।
लगातार पुलिस उसकी तलाश में जुटी हुई थी। उसे यह भी सूचना थी कि पुलिस उसके घर तक पहुंच चुकी है, ऐसे में वह घर जाने के बजाये गांव के बाहर-बाहर दोस्तों से मिल रहा था और उनसे खर्चे के लिए रुपये मांग रहा था।
आरोपित मोहम्मद अजहर बकरीद मनाने घर जाने की फिराक में है, जिसकी भनक पुलिस को पहले ही लग गई। आरोपित ने इंटरनेट कालिंग के जरिये अपने दोस्तों से इसका जिक्र किया था। इतनी सूचना मिलने पर पुलिस ने राज्य की सीमा पर जाल बिछाया और आरोपित को दबोच लिया।
लगातार आपराधिक घटनाओं में शामिल रहने के चलते मोहम्मद अजहर को यह समझ आ गई थी कि पुलिस से किस तरह से बचना है। इसलिए उसने मोबाइल का इस्तेमाल करना बंद कर दिया। वह रास्ते में किसी से भी फोन लेकर स्नैपचेट या इंटरनेट कालिंग के जरिये अपने दोस्तों से बातचीत कर रहा था और पुलिस की मूवमेंट के बारे में जानकारी जुटा रहा था।