पुलकित आर्य, अंकित गुप्ता और सौरभ भास्कर को हत्या का दोषी करार
- कोर्ट ने 50-50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया
- परिजनों ने फांसी की सजा की मांग की, मां बोलीं— “सच्ची शांति फांसी से मिलती”
तीनों दोषी करार, आजीवन कारावास और आर्थिक दंड
कोटद्वार
उत्तराखंड के चर्चित वनंतरा रिज़ॉर्ट हत्याकांड में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (एडीजे) की अदालत ने पुलकित आर्य, सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता को हत्या, सबूत मिटाने और महिला के साथ दुर्व्यवहार (धाराएं 302, 201, 354) के तहत दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
तीनों पर 50-50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। सरकार पीड़ित परिवार को चार लाख रुपये का मुआवजा देगी।
26 माह लंबी सुनवाई, 47 अहम गवाह पेश
- यह मुकदमा 28 मार्च 2023 से चला, जब अभियोजन पक्ष की गवाही शुरू हुई थी।
- एसआईटी ने 97 गवाह सूचीबद्ध किए थे, जिनमें से 47 को अदालत में पेश किया गया।
- जांच में जुटी टीम ने 500 पन्नों की चार्जशीट अदालत में दाखिल की थी।
मां की प्रतिक्रिया: “फांसी मिलती, तभी मिलती सच्ची शांति”
फैसले के बाद अंकिता भंडारी की मां सोनी देवी ने मीडिया से बात करते हुए कहा:
“अदालत का यह फैसला एक बड़ी जीत है, लेकिन मैं इससे पूरी तरह संतुष्ट नहीं हूं। मेरी बेटी के हत्यारों को फांसी की सजा मिलनी चाहिए थी ताकि ऐसे अपराध करने से पहले लोग सौ बार सोचें।”
उन्होंने आगे कहा कि यह न्याय केवल उनके लिए नहीं, बल्कि पूरे समाज के लिए है। उन्होंने स्थानीय लोगों के समर्थन का आभार व्यक्त करते हुए कहा:
“इस फैसले से शायद मेरी बेटी की आत्मा को कुछ हद तक शांति मिली हो।”
सोनी देवी ने स्पष्ट किया कि यदि आवश्यकता पड़ी तो वह हाईकोर्ट में अपील करेंगी।
पृष्ठभूमि: कैसे हुआ यह हत्याकांड?
- अंकिता भंडारी, उम्र 19, डोभ श्रीकोट गांव, पौड़ी गढ़वाल निवासी थीं।
- वह गंगा भोगपुर, ऋषिकेश स्थित वनंतरा रिज़ॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट के तौर पर कार्यरत थीं।
- 18 सितंबर 2022 को वह लापता हुईं।
- परिवार ने राजस्व पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई, पर उचित कार्रवाई नहीं हुई।
- 21 सितंबर 2022 को मामला लक्ष्मण झूला थाने को सौंपा गया।
- उसी दिन पुलकित आर्य, सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता को गिरफ्तार किया गया।
- 24 सितंबर 2022 को चीला नहर से अंकिता का शव बरामद हुआ।
पोस्टमार्टम में डूबने से मौत और शरीर पर चोट के निशान पाए गए थे।
राजनीतिक और सामाजिक असर
- इस घटना के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर एसआईटी गठित हुई।
- मुख्य आरोपी पुलकित आर्य के पिता विनोद आर्य, तत्कालीन भाजपा नेता थे।
- घटना के बाद उन्हें और उनके बेटे अंकित आर्य को भाजपा से निष्कासित कर दिया गया।
अंकिता भंडारी की हत्या न केवल एक व्यक्तिगत त्रासदी थी, बल्कि उत्तराखंड और देशभर में महिलाओं की सुरक्षा और न्याय व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करती है। अदालत का यह फैसला न्याय की दिशा में एक बड़ा कदम है, हालांकि परिजन अभी भी फांसी की मांग को लेकर दृढ़ हैं। यह मामला समाज में न्याय के लिए सतत संघर्ष का प्रतीक बन चुका है।